कब से शुरू है छठ पूजा का पर्व? क्या है छठ पूजा की सही विधि
छठ पूजा पर कैसे देते हैं सूर्य को अर्घ्य? जानें विधि और मंत्र
छठ पूजा का त्योहार 17 नवंबर से शुरू हो रहा है. इस साल छठ पूजा 19 नवंबर को होगी. इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.
20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और साथ ही छठ पूजा (Chhath Puja) का समापन व व्रत पारण किया जाएगा.
छठ पर्व के दिन प्रातःकाल स्नानादि के बाद संकल्प लें। संकल्प लेते समय सूर्य मंत्र का उच्चारण किया जाता है
पूरे दिन निराहार और निर्जला व्रत रखा जाता है। फिर शाम के समय नदी या तालाब में जाकर स्नान किया जाता है और सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है।
अर्घ्य देने के लिए बांस की तीन बड़ी टोकरी या बांस या पीतल के तीन सूप लें। इनमें चावल, दीपक, लाल सिंदूर, गन्ना, हल्दी, सुथनी, सब्जी और शकरकंदी रखें और साथ में थाली, दूध और गिलास ले लें
फलों में नाशपाती, शहद, पान, बड़ा नींबू, सुपारी, कैराव, कपूर, मिठाई और चंदन रखें। इसमें ठेकुआ, मालपुआ, खीर, सूजी का हलवा, पूरी, चावल से बने लड्ड भी रखें। सभी सामग्रियां टोकरी में सजा लें।
सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद सूप में रखें और सूप में एक दीपक भी जला लें। इसके बाद नदी में उतर कर सूर्य देव को अर्घ्य दें। और सूर्य मंत्र का उच्चारण करें।
सूर्य को अर्घ्य देते समय सूर्य देव को सीधे नहीं देखना चाहिए. गिरते हुए जल की धारा को देखकर सूर्य को अर्घ्य दें और मन ही मन अपनी मन्नत करें.
इस दौरान विधि विधान अनुसार पूजा करने से छठ पूजा संतान प्राप्ति, संतान सुरक्षा और सुखमय जीवन के लिए भक्त पूरी श्रद्धा से करते हैं.
इस दौरान विधि विधान अनुसार पूजा करने से छठ पूजा संतान प्राप्ति, संतान सुरक्षा और सुखमय जीवन के लिए भक्त पूरी श्रद्धा से करते हैं.