Sangh Geet: मनुष्य तु बड़ा महान है, भूल मत मनुष्य तू बड़ा महान है।
संघ के गीत बहुत से हैं, सभी गीत एक से बढ़कर एक हैं, लेकिन ये संघ का ऐसा गीत है शायद ऐसे भाव किसी और आरएसएस गीत के ना हों. संघ के स्वयंसेवकों के अंदर देश के लिए भाव और देश के लिए मर मिट जाने के भाव से सराबोर ये गीत जिसकी पहली पंक्ति ही “मनुष्य तू बड़ा महान है” किसी निर्जीव आत्मा के लिए संजीवनी से कम नहीं है।
मनुष्य तु बड़ा महान है, भूल मत मनुष्य तू बड़ा महान है।।
धरती की शान तू है,
मनु की संतान,
तेरी मुठ्ठियों मे बंद तूफान है रे,
मनुष्य तू बडा महान है,
मनुष्य तु बड़ा महान है, भूल मत मनुष्य तू बड़ा महान है।।
तू जो चाहे पर्वत पहाडो को फोड दे,
तू जो चाहे नदियों के मुख को भी मोड दे,
तू जो चाहे पर्वत पहाडो को फोड दे,
तू जो चाहे नदियों के मुख को भी मोड दे,
तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे,
तू जो चाहे धरती को अंबर से जोड दे,
अमर तेरे प्राण अमर तेरे प्राण,
मिला तुझको वरदान,
तेरी आत्मा मे स्वयं भगवान है,
तेरी आत्मा मे स्वयं भगवान है रे,
मनुष्य तु बड़ा महान है, भूल मत मनुष्य तू बड़ा महान है।।
नैनो मे ज्वाल तेरी गत मे भुचाल,
तेरी छाती मे छुपा महाकाल है,
नैनो मे ज्वाल तेरी गत मे भुचाल,
तेरी छाती मे छुपा महाकाल है,
पृथ्वी के लाल तेरी हिमगिरि सा भाग,
तेरी भ्रकुटी मे तांडव का ताल है,
निज को तू जान निज को तू जान,
जरा शक्ति पहचान,
तेरी वाणी में ओ तेरी वाणी मे,
युग का अहवान है रे,
मनुष्य तु बड़ा महान है, भूल मत मनुष्य तू बड़ा महान है।।
धरती सा भी तू है अग्नि सा भी,
तू जो चाहे काल को भी थाम ले,
धरती सा भी तू है अग्नि सा भी,
तू जो चाहे काल को भी थाम ले,
पापो का प्रलय रूके पशुता का शिश झुके,
तू जो चाहे हिम्मत से काम ले,
गुरू सा मतीमान गुरू सा मतीमान,
पवन सा गतीमान,
तेरी नभ से भी ऊंची उडान है,
ओ तेरी नब से भी ऊंची उडान है रे,
मनुष्य तु बड़ा महान है, भूल मत मनुष्य तू बड़ा महान है।।
धरती की शान तू है, मनु की संतान,
तेरी मुठ्ठियों मे बंद तूफान है रे,
मनुष्य तु बड़ा महान है, भूल मत मनुष्य तू बड़ा महान है।।
Manushya Tu Bada Mahan Hai Lyrics In English
terī muṭhṭhiyoṁ meṁ banda tūfāna hai re
manuṣya tū baḍā mahāna hai bhūla mata
manuṣya tū baḍā mahān hai ||dhṛ||
tū jo cāhe nadīyoṁ ke mukha ko bhī moḍa de
tū jo cāhe māṭī se amṛta nicoḍa de
tū jo cāhe dharatī ko ambara se joḍa de amara tere prāṇa —2
milā tujhako varadāna terī ātmā meṁ svayam bhagavāna hai re ||1||
nayano se jvāla terī gatī meṁ bhūcāla
terī chātī meṁ chupā mahākāla hai
pṛthvī ke lāla terā himagirī sā bhāla
terī bhṛkuṭī meṁ tānḍava kā tāla hai nija ko tū jāna —2
jarā śaktī pahacāna terī vāṇī meṁ yuga kā āvhāna hai re ||2||
dharatī sā dhīra tū hai agnī sā vīra
tū jo cāhe to kāla ko bhī thāma le
pāpoṁkā pralaya ruke paśutā kā śīśa jhuke
tū jo agara himmata se kāma le guru sā matimān —2