घर में हर दिन होते हैं लड़ाई-झगड़े और क्लेश, तो परिवार में प्रेम बढ़ाने के 7 उपाय | Parivaar Mai Prem Badane Ke Upay

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सुखी परिवार के सात सूत्र | परिवार में प्रेम बढ़ाने के उपाय | Parivaar Mai Prem Badane Ke Upay 

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घर में हर दिन होते हैं लड़ाई-झगड़े और क्लेश, तो परिवार में प्रेम बढ़ाने के 7 उपाय

Tips for Good Family Relations: परिवार के सदस्यों में प्रेम बढ़ाने के लिए करें ये उपाय | परिवार में शांति के उपाय |

सभी चाहते हैं कि हमारा परिवार सुखी हो। दुनिया में परिवार से बढ़कर कोई सुख नहीं है. हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसके घर में हमेशा सुख-शांति (Peace and prosperity in family) बनी रहे. परिवार को सात सूत्र अपना कर सुखी रखा जा सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लक्षण सात ही हैं। जैसे जैसे आप और नई बातें सीखें, आवश्यकता अनुसार आप इसमें जोड़ते जाएं। तो आइये जानते हैं

सुखी परिवार के सात 7 सूत्र | परिवार में प्रेम बढ़ाने के 7 उपाय | Parivaar Mai Prem Badane Ke Upay. 

परिवार में शांति के उपाय | Upay to solve family problems and disputes

1.स्नेह:– परिवार में स्नेह भावना आवश्यक है। परिवार ही स्नेह का सर्वोत्तम स्थान बने। जब परिवार में इसकी कमी होती है तो सदस्य घर से बाहर स्नेह की तलाश करते हैं जिसके कारण परिवार की मज़बूती ज्यादा नहीं रह पाती है।

2.समझ :– आपसी मतभेद के बावजूद एक दूसरे को समझने का प्रयास करना अति आवश्यक है। कई बार सदस्य एक दूसरे पर दोष लगाने लगते हैं कि वे समझते नहीं या ये समझते नहीं। दोष लगाने से कुछ भला नही होता। समझ, प्रेम और विश्वास का बंधन है।

3.समर्पण :– परिवार में लक्ष्य एवं समर्पण की भावना होनी चाहिए। समर्पण आपसी हो और लक्ष्य पर केंद्रित हो। समर्पण एवं कर्तव्यनिष्ठा साथ-साथ चलते हैं। घर के अध्यक्ष के परिवार के लिए कुछ लक्ष्य रखे हैं। ईश्वर भी जगत में पारिवारिक उद्देश्य रखता है। उद्देश्य समर्पण को निर्धारित करता है।

4.स्वास्थ्य :– ईश्वर न केवल दैवीय गुण देता है बल्कि दैवीय स्वाथ्य भी प्रदान करता है। लेकिन हमें इसके विषय में बेपरवाही नहीं होनी चाहिए। खानपान, रहन-सहन, रखरखाव इन सारी बातों पर स्वाथ्य केंद्रित ध्यान धरें। घर में खानपान स्वस्थ, रहनसहन स्वस्थ, वातावरण स्वस्थ, विचार स्वस्थ, आचार-व्यवहार स्वस्थ हो।

5. सम्मान :- एक-दूसरे को सम्मान दें। घर का मुखिया ईश्वर के समान है जो सभी का लालन-पालन करता है, सुरक्षा देता है। घर की महिला धरती माता के समान पालन करने वाली है। बच्चे घर का भविष्य हैं । वृद्ध घर का अतीत, अनुभवों की खान हैं। परिवार में सभी का अपना-अपना महत्त्व है। सभी का एक बराबर सम्मान होना चाहिए।

6. सलाह:- सलाह एवं सम्मति परिवार में हो तो व्यक्ति यहां-वहां भटकने से बच सकते हैं। संकट आने पर या ज़रूरत पड़ने पर हमें सबसे पहले अपने परिवार के लोगों से ही सलाह मशविरा करना चाहिए। जो उचित व उपयुक्त मार्गदर्शन परिवार के सदस्यों से मिल सकता है वह शायद बाहर से न मिले। बाहर से मिलने वाली सलाह में कई बार किसी का लालच छिपा रहता है।

7. सहभागिता :- यदि सहभागिता न हो, आपसी वार्तालाप न हो तो फिर परिवार टूटने लगता है। एक-दूसरे के काम में सहयोग करें। घर का काम केवल महिलाओं का ही नहीं, पुरुषों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।

एक साथ भजन और एक साथ भोजन परिवार को परस्पर जोड़े रखने, सदस्यों में निकटता बढ़ाने, गृह क्लेश को समाप्त करने का आसान सा मूलमंत्र है कि ‘एक साथ भजन और एक साथ भोजन।’ साधारण सी बात एक अचूक सूत्र है परिवार को सुखी और संपन्न बनाने का। परिवार के एक साथ बैठने से हमें परस्पर समझने, एक दूसरे की परेशानी व ज़रूरतों को जानने, किसी समस्या से प्रति दृष्टिकोण जानने, परिवार की योजनाएं बनाने, आर्थिक स्थिति को आंकने का अवसर मिलता है।

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उम्मीद है आपको ये परिवार में प्रेम बढ़ाने के उपाय (Pariwar me Prem Badhane ke Upay) पसंद आएं होंगे इन्हे इस्तेमाल करें और अपने परिवार में सदा खुश रहे |

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