October 2022 Festivals Date अक्टूबर में दिवाली, करवाचौथ, छठ, जानें महीने के प्रमुख त्योहारों की तारीख और सूची
Diwali 2022: पुरे देश में नवरात्रि के बाद सभी बड़े त्यौहार शुरू हो चुके हैं धनतेरसस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भैय्या दूज और छठ पूजा की तैयारी की जा रही है। इस साल दिवाली कब पड़ेगी या उसदिन वार क्या होगा आइये अक्टूबर में पड़ने वाले त्योहारों की सूची देखते हैं।
नवरात्रि के बाद अब भारत में सभी बड़े त्योहार की तैयारी तेज हो गई है। इन्ही दिनों में देशभर में धनतेरसस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भैय्या दूज और छठ समेत कई पर्व आने वाले है। धनतेरस से छठ तक अब बस त्योहार ही त्योहार है। आइए जानते हैं धनतेरस (Dhanteras), महालक्ष्मी पूजा (Diwali), गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja), भैय्या दूज (Bhai Dooj) और छठ पूजा (Chhath Puja) कब है।
धनतेरस कब है ? (Dhanteras 2022)
दिवाली से पहले पड़ने वाला त्योहार धनतेरस है। हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पावन पर्व मनाया जाता है। इस साल धनतेरस 22 अक्टूबर 2022 जो की दिन शनिवार को पड़ रहा है।
दिवाली कब की है ? (Diwali 2022)
इस बार दीपवाली अक्टूबर में ही आ गई है पिछले साल दीपावली नवंबर में थी। दिवाली यानी महालक्ष्मी पूजा का पावन पर्व 24 अक्टूबर सोमवार को है। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस दिन लोग पूरे विधि-विधान के साथ माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा करते हैं और सुख शांति की कामना करते हैं।
गोवर्धन पूजा कब है ? (Govardhan Puja 2022)
दीपावली के बाद इस साल 26 अक्टूबर, बुधवार को गोवर्धन पूजा है। कई राज्यों में गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जानता है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन श्रीकृष्ण को 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग लगाना शुभ माना जाता है ऐसे करने से जीवन में मंगल होता है और पीड़ा बाधा कटतीं हैं।
भाई दूज कब है ? (Bhai Dooj 2022)
इस त्यौहार का इंतज़ार हर भाई बहन को रहता है। इस साल 26 अक्टूबर, बुधवार को भाई दूज है। इसे यम द्वितीया या भातृ द्वितीया भी कहते हैं। भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक है।
छठ पूजा कब है ? (Chhath Puja 2022)
दीपावली के बाद ये बहुत ही बड़ा त्यौहार है। इस साल छठ पूजा का पावन पर्व 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक चलेगा। 30 अक्टूबर को अस्तगामी सूर्य को जबकि 31 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य अर्घ्य दिया जाएगा।इस त्यौहार को ज़्यादातर प्रोवोत्तर के राज्यों में मनाया जाता है। इन राज्यों से आये लोग अब जहाँ रहते हैं वहाँ ही मानते हैं।