आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के बारे में रोचक तथ्य | Interesting Facts About Rashtriya Swayamsevak Sangh.
91 साल पहले 27 सितंबर, 1925 को विजयादशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना नागपुर में मोहिते के बाड़े नामक स्थान पर केशवराव बलिराम हेडगेवार ने की थी। संघ की पहली शाखा में सिर्फ 5 लोग शामिल हुए थे। आज देशभर में 60 हजार से अधिक शाखाएं और उनसे जुड़े लाखों स्वयंसेवक हैं। इस मौके पर हम आपको RSS से जुड़े कई इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं। विश्व की सबसे बड़ी स्वयंसेवी संस्थान होने के बावजूद इसके मेंबर्स का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं होता और ये अपने भगवे झंडे को ही अपना हेड मानते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जानकारी
– राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संस्थान है। यह संघ या आरएसएस के नाम से अधिक लोकप्रिय है।
– आज देशभर में 60 हजार से अधिक शाखाएं और उनसे जुड़े 1 करोड़ 10 लाख स्वयंसेवक हैं।
– आरएसएस के मेंबर्स का न तो रजिस्ट्रेशन होता है और न ही इन्हें कोई आईडी कार्ड या बिजनेस कार्ड दिया जाता है।
– देश का हर नागरिक कभी भी इसमें आ सकता है और कभी भी इससे अलग हो सकता है।
– इसका मुख्यालय महाराष्ट्र के नागपुर में है। संघ की पहली शाखा में सिर्फ 5 लोग शामिल हुए थे।
– देश भर में आरएसएस के हजारों स्कूल, चैरिटी संस्थाएं और विचारों के प्रसार के लिए संघठन हैं
– राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है
संघ की शाखा
– संघ के ज्यादातर क्रियाकलाप शाखाओं में संचालित होते हैं। यहां सभी स्वयंसेवक जमा होते हैं और अलग–अलग गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं।
– शाखा किसी भी स्थान पर आयोजित की जा सकती है।
– शाखा का आयोजन ‘शाखा प्रमुख‘ की देख–रेख में होता है। शाखा में सभी स्वयंसेवक संघ की आधिकारिक पोशाक पहनकर ही आते हैं।
– शाखा में रोज़ाना संघ की प्रार्थना होती है।
भगवा ध्वज है संगठन का गुरु
– आरएसएस का भगवा ध्वज ही संस्थान का गुरु है। इसी के नीचे सभी फैसले और संकल्प लिए जाते हैं।
– एक झंडे को अपना प्रमुख बनाने का मकसद हर तरह के करप्शन से संस्था को दूर रखना है।
– स्वयंसेवक इसी के नीचे व्यायाम से लेकर बौद्धिक चर्चा तक करते हैं। यहां स्थानीय स्तर पर योजनाएं भी बनाई जाती हैं।