Famous Hindu Temples in Pakistan: पाकिस्तान में प्रसिद्ध हिंदू मंदिर
पाकिस्तान 1947 में मुसलमानों के लिए एक स्वतंत्र देश के रूप में बनाया गया था। आज मुसलमान भारत की आबादी का 14 प्रतिशत हैं जबकि पाकिस्तान केवल 2 प्रतिशत हिंदुओं का घर है और वो वहां बिलकुल भी सुरक्षित नहीं हैं, दो प्रतिशत आंकड़ा सरकारों द्वारा दिया गया है लेकिन हक़ीक़त में इससे भी कम हैं । 1947 तक, पाकिस्तान में 300 से ज़्यादा मंदिर (Pakistani Temples) थे, जिनमें से अधिकांश को भारत में बाबरी मस्जिद के विनाश के बाद ध्वस्त कर दिया गया था। दूसरों को तोड़ दिया या मस्जिद के होटलों या पुस्तकालयों में परिवर्तित कर दिया गया, फिर भी भूमि में कुछ पवित्र हिंदू मंदिर हैं जिनके बारे में आप पढ़ेंगे।
पाकिस्तान (Pakistan) में विभाजन के दौरान 300 के करीब मंदिर हुआ करते थे. लगभग सभी मंदिरों को चिन्हित करके तोडा जा चूका है लेकिन अभी भी कुछ प्रमुख हिंदू मंदिर मौजूद हैं.
इन प्रमुख मंदिरों का हिन्दू धर्म से बहुत ही गहरा नाता है क्यूंकि ये हमारे पुश्तैनी मंदिर हैं। हमारे बुज़ुर्ग इनकी कहानियां बताते थे, लेकिन आज इनकी कहानियां भी लगभग ख़त्म हो गई हैं। पाकिस्तान में हिन्दू मंदिरों को सांस्कृतिक पहचान ख़त्म करने के लक्ष्य से तोडा गया। आइये कुछ ख़ास पाकिस्तानी मंदिरों के बारे में पढ़ते हैं।
1. जगन्नाथ मंदिर, सियालकोट पाकिस्तान
जग्गनाथ मंदिर पाकिस्तान के सियालकोट में स्थित है। 1000 साल से अधिक पुराना है ये मंदिर 1947 में बंद कर दिया गया था और इसके बाद यहां की स्थिति काफ़ी ख़राब होती चली गई और 2007 की शुरुआत में पंजाब के मुख्यमंत्री परवेज इलाही द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। मुख्य देवता भगवान जगन्नाथ हैं जो भगवान विष्णु के अवतार हैं।
2. हिंगलाज माता मंदिर, पाकिस्तान
Shri Hinglaj Mata Temple: हिंगलाज देवी मंदिर कराची से पश्चिम दिशा में बलोचिस्तान प्रांत में है. हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार माता सती का सिर यहां गिरा था, भगवान विष्णु ने उनके शरीर को टुकड़े-टुकड़े कर दिया था फिर भगवान शिव ने अपना तांडव किया था। लोग यह भी दावा करते हैं कि भगवान राम ने यहां रावण की हत्या के लिए प्रायश्चित किया था। ये मंदिर किसी इंसान ने नहीं बनाया. ये मंदिर गुफा से निकला हुआ है और मूर्ति भी प्राकृतिक है. हिंगलाज देवी हिंदुस्तान के मालवा क्षेत्र की कुलदेवी भी मानी जाती हैं. हिंगलाज मंदिर की वार्षिक चार दिवसीय तीर्थयात्रा अप्रैल में होती है और तीसरे दिन पुजारी मनरा का पाठ करते हैं जो भक्तों की इच्छाओं और प्रार्थनाओं को पूरा करने में मदद करते हैं।
3. श्री वरुण देव मंदिर, पाकिस्तान
श्री वरुण देव मंदिर कराची ,सिंध ,पाकिस्तान में मनोरा द्वीप में स्थित एक हिंदू मंदिर है । यह मंदिर लगभग 1000 वर्ष पुराना है और भगवान वरुण को समर्पित है।यह मनोरा कैंट के बाहरी इलाके में स्थित है।मुख्य देवता वरुण हैं जो महासागरों के देवता हैं और इसकी उत्कृष्ट वास्तुकला और सुंदर शिल्प कौशल के लिए प्रशंसा की जाती है।
4. कटास राज मंदिर, पाकिस्तान
पाकिस्तान के श्री कटासराज मंदिर का ज्ञात इतिहास 1500 साल से भी ज्यादा पुराना है। यह मंदिर निमकोट पर्वत शृंखला में स्थित है।पौराणिक कथा के अनुसार यह मंदिर वह स्थान था जहां पांडवों ने अपना वनवास बिताया था और मंदिर के चारों ओर बना कुंड भगवान शिव के आंसुओं से बना है। कहा जाता है कि इसे तीसरी शताब्दी में बनाया गया था और चीनी भिक्षु फैक्सियन के यात्रा वृतांतों में इसका वर्णन किया गया है। अधिकांश मंदिरों का निर्माण चौकोर चबूतरे पर किया गया है और दूर से देखने पर ऐसा लगता है कि स्तंभों की छोटी-छोटी पंक्तियाँ हैं जो एक गुंबद से ढकी हैं।
कटासराज में भगवान शिव का मंदिर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां पार्वती जब सती हुईं तो भगवान शिव के आंखों से आंसू की दो बूंदें टपकी थी। एक कटासराज तो दूसरी पुष्कर में गिरी थी। इसी आंसू से यहां पवित्र अमृत कुंड का निर्माण हुआ था।
5. पंचमुखी हनुमान मंदिर, पाकिस्तान
पंचमुखी हनुमान मंदिर कराची शहर पाकिस्तान में स्थित है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यहां की मूर्ति अपनी प्राकृतिक अवस्था में पाई गई थी और मानव निर्मित नहीं है, पंचमुखी मूर्ति जमीन के अंदर से प्रकट हुई थी. जिस स्थान पर यह मंदिर स्थित है उस जगह से ठीक 11 मुट्ठी मिट्टी हटाई गई थी और हनुमान जी मूर्ति प्रकट हुई. जिससे यह दुनिया में हनुमान की एकमात्र प्राकृतिक मूर्ति है जो देवता के सभी पांच रूपों का प्रतिनिधित्व करती है। शास्त्रों के अनुसार इस मंदिर में भगवान श्रीराम आ चुके हैं. मंदिर में उपस्थित पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति कोई साधारण मूर्ति नहीं है क्योंकि इस मूर्ति का इतिहास 17 लाख साल पुरानी त्रेता युग से है.
दुनिया भर से भक्त यहां भगवान हनुमान की तीर्थ यात्रा करते हैं।
6. कल्कि देवी गुफा
कल्कि देवी पौराणिक कथा के अनुसार कल्कि देवी हिंगलाज जाते समय यहीं रुकी थीं और प्रत्येक माह के पहले सोमवार को इस स्थान पर आना शुभ माना जाता है। हर सितंबर में एक वार्षिक उत्सव होता है जिसमें सभी जाति, पंथ और धर्म के भक्तों में उत्साह देखा जाता है।
पाकिस्तान में हिन्दू मंदिरों की गिनती बहुत ज़्यादा थी List of Hindu temples in Pakistan, लेकिन वहां की सरकारों और हिन्दू विरोधियों ने पाकिस्तान में प्रसिद्ध हिंदू मंदिर का बहुत नुक्सान किया। इनको तोडा गया और इनकी ऐतहासिक पहचान भी ख़त्म की।