भ्रष्टाचार पर निबंध | Essay on Corruption in Hindi
सुधबुध में आपका स्वागत है, भ्रष्टाचार पर लेख ,भ्रष्टाचार पर निबंध (Essay on Corruption in Hindi ) कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए इस पोस्ट में दिया गया है।
मानव में मानवता के जो गुण हैं उनमे से कर्तव्यपरायणता, सहानुभूति, परोपकार एवं सत्यप्रियता प्रमुख हैं. जिस मानव में ये गुण होते हैं वो सदाचारी कहलाता है. इसके प्रतिकूल आचरण करने वाले इंसान को भ्रष्टाचारी की संज्ञा दी जाती है. भ्रष्टाचार की समस्या हमारे देश में पहले तो थी परन्तु आजकल ये ज्वलंत समस्या बनकर खड़ी हो गई है.
Essay on Corruption in Hindi – भ्रष्टाचार हमारे समाज एवं मानव को अपनी गिरफ्त में लेकर उसका गला घोंट रहा है. भ्रष्टाचार, रिश्वत व् बेईमानी का पर्याय ही हैं।भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण, इन सब के पीछे ज़्यादा पैसा (कला धन) कमाने की लालसा रहती है।
भ्र्ष्टाचार के प्रमुख उदहारण – Major examples of corruption in Hindi
- मिलावट – भ्रष्टाचार में मिलावट जैसे कुकर्म भी शामिल हैं. जैसे कई लोग खाने पीने की वस्तुओं में मिलावट करते हैं.
- कलाबज़ारी – जनता की ज़रूरत का समान कम दाम पर खरीदकर उसे अपने गोदामों में भरना और जब बाजार में उस वस्तु की कमी हो जाये तब उसे अपने मनमाने दामों पर बेचना ये कालाबजारी कहलाता है जो की भ्रष्टाचार की एक किस्म है।
- रिश्वत – अक्सर लोग अपने काम करवाने के लिए किसी कार्यालय में जाते हैं जहाँ संभंधित अधिकारी उस काम करने के बदले में पैसों की मांग करते हैं जो की रिश्वत है , ये समस्या हमारे समाज में बहुत बड़े स्तर पर शामिल है।
- घोटाले – किसी संस्था में अगर किसी वास्तु की खरीद के लिए किसी अधिकारी की जिमेवारी लगाई जाती है, अगर वो व्यक्ति कीमत से अधिक का बिल संस्था को देता है और बीच का धन अपने पास रखता है तो वो घोटाला है।
भ्रष्टाचार पर निबंध – रिश्वतखोर तथा भ्र्ष्टाचारी अधिकारियों का कोई कुछ इस लिए बिगाड़ पता क्योंकि इन्हे कुछ राजनीतिज्ञों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। देश के कुछ बड़े भ्र्ष्टाचारों में से बोफोर्स की दलाली, यूरिया घोटाला और कारगिल में ताबूतों की खरीद एक हैं। भ्रष्टाचार की समस्या हमारे देश में चरम सीमा पर है, इसका हल सिर्फ क़ानूनी तौर पर नहीं निकाला जा सकता।
भ्रष्टाचार को ख़तम करने के लिए समाज को भी सरकारों का साथ देना होगा और जानजागरण करके समाज में एक अलख जगानी होगी। सरकार को भ्र्ष्टाचार के खिलाफ कठोर नियम बनाने होंगे और भ्र्ष्टाचारियों को सख्त सज़ा देनी होगी जिससे वो भविष्य में ऐसे न करें और जो और भ्रष्ट अधिकारी है उनको शिक्षा मिले।आओ मिलकर भारत को भ्र्ष्टाचार मुक्त देश बनाएं।
Essay on Corruption in Hindi #2 | सार्वजनिक भ्रष्टाचार
Essay on Corruption in Hindi – हमारे देश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। यह सार्वजनिक जीवन को प्रदूषित करता है । पैसा जीवन में एक शक्तिशाली वस्तु है। हर कोई रातों-रात अमीर होना चाहता है। बिना रिश्वत दिए हम कोई काम करवा नहीं सकते। चपरासी से अधिकारी तक सभी भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार से मुक्त कोई विभाग नहीं है।
इस तरह के व्यापक भ्रष्टाचार का मुख्य कारण हमारा राजनीतिक ताना-बाना है। राजनेता अपने राजनीतिक जीवन को स्थिर रखने के लिए भ्रष्ट लोगों का समर्थन करते हैं। उन्हें अपनी देश से कोई लगाव नहीं है। नेता इन भ्रष्ट अधिकारीयों का साथ देतें हैं। अगर कुछ ईमानदार अफसर इन लोगों को रोकते हैं तो बड़े नेता ईमानदार अफसर को रोक देते हैं या उनका तबादला करवा देते हैं। कई काला बाज़ारिया, जमाकर्ताओं और कर चोरों को राजनेताओं की मदद से बहुत सहारा मिलता है।
हमारी खराब अर्थव्यवस्था भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। अशुद्ध अर्थ शास्त्रीय नीतियों के कारण कीमतें बढ़ती हैं। एक निश्चित आय वाला व्यक्ति उनके लिए ऐसे हालात में रहना बहुत मुश्किल हो गया है। इसके विपरीत
लोग बड़े बंगलों में रहते हैं और एक सुखी और आरामदायक जीवन जीते हैं। आम आदमी जब खर्चे पुरे नहीं कर सकता तो वो बदले में गलत तरीके से पैसा कमाना शुरू कर देता है।
भ्रष्टाचार को हर स्तर से मिटाना होगा। इसके लिए हमारी सामाजिक संरचना बदलना जरूरी है। ईमानदारी को हमेशा प्रोत्साहित और पुरस्कृत किया जाना चाहिए, दुष्ट लोगों को दंडित किया जाना चाहिए और समाज से बहिष्कार किया जाना चाहिए। मानवता के मूल्यों को बढ़ावा मिलना चाहिए। भ्रष्ट राजनेताओं को उनकी जगह दिखाई जानी चाहिए। उन्हें सत्ता से बेदखल कर देना चाहिए। आईये मिलकर इन भ्र्ष्ट लोगों का विरोध करें और देश को नई दिशा दें।