How do Students Get a Job in ISRO after the 12th?
How to Join ISRO After 12th Class
ISRO Job Opportunities: चन्द्रयान परीक्षण के बाद पूरे विश्व में ‘इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन’ (इसरो) ISRO एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया। इसके पहले भी इसरो ने कई ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए है जिससे हर भारतीय को गर्व हुआ है। डा. अब्दुल कलाम ने भी अपने कठोर परिश्रम और लगन से इसरो को एक नई ऊंचाई दी।
भारत में बहुत पहले से ही अंतरिक्ष विज्ञान में शोध होते रहे है। आर्यभट्ट के कई महत्वपूर्ण खोजों को आज भी पूरे विश्व के वैज्ञानिक मील का पत्थर मानते हैं। आर्यभट्ट के बाद भी हमारे देश में कई बड़े-बड़े रिसर्च होते रहे हैं। नोबल पुरस्कार विजेता सी. वी. रमन. एस. के. मित्रा तथा मेघनाथ साहा ने भी स्पेस साइंस के क्षेत्र में कई बड़े काम किए हैं। लेकिन 1962 में सुविख्यात वैज्ञानिक विक्रम साराभाई ने देश के विकास के लिए एक स्पेस रिसर्च सेंटर की विशेष जरूरत समझी। तब भारत सरकार को सहायता से ‘डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी’ के अंतर्गत इसरो की स्थापना की गई। 19 अप्रैल 1975 को पहली बार इसरो ने अंतरिक्ष में सोवियत संघ की सहायता से सैटेलाइट भेजा जिसका नाम आर्यभट्ट था। उसके बाद लगातार इसरो काम करता रहा।
ISRO ने गगन तथा आई. आर.एन. एस. एस. नामक दो सैटेलाइट नेविगेशन विकसित किए। जिसका उपयोग भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में खूब होता है। हमारे सैनिकों को अनेक बार इसका लाभ मिलता है। जिसकी सहायता से सैनिक अपना काम अच्छे ढंग से कर पाते हैं। मौसम से सम्बंधित भविष्यवाणियों में भी इसरो की अहम भूमिका होती है। कहां तूफान आने वाला है या जोरों की बारिश होने वाली है, इसरो पहले ही सूचित कर देता है। इसरो ने 2008 में चंद्रयान- 1 तथा 22 जुलाई 2019 को 02.43 दोपहर को चंद्रयान-2 का सफल परीक्षण किया। अब इसरो मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है।
How to Join ISRO: How to become Space Scientist in ISRO after 12th and Graduation
हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जब नई पीढ़ी के प्रतिभाशाली लोगों को काम करने का अवसर मिलेगा तब इसरो में और नए व अच्छे रिसर्च होंगे। यद्यपि हमारे देश में बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि कोई भी विद्यार्थी मैथेमैटिक्स से 12 वीं कक्षा पास करके इसरो के ट्रेनिंग प्रोग्राम (ISRO Training Program) में भाग ले सकता है और उसके बाद वहां वैज्ञानिक (ISRO Scientist) बन सकता है। इसरो के ट्रेनिंग प्रोग्राम (ISRO Trainings) में प्रति वर्ष 140 सीटें होती हैं। चार साल तक पढ़ने के बाद बी.टेक, तथा कुछ विद्यार्थियों को 5 साल तक पढ़ने के बाद डुअल डिग्री प्रदान की जाती है।
कुछ विद्यार्थियों को ISRO तक पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। विद्यार्थी बताते हैं कि वहां पढ़ाने वाले प्रोफेसर बड़े वैज्ञानिक होते हैं। पढ़ाने तथा समझाने का ढंग काफी अलग और वैज्ञानिक होता है। इसरो में पढ़ाई करने के लिए सबसे पहले जेईई-मेन परीक्षा में सफल होना पड़ता है। अगर आपके मार्कस जेईई-मेन में अच्छे आते हैं तब आप जेईई एडवांस की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। जेईई एडवांस (JEE Advance) के रिजल्ट के बाद आप इसरो के लिए आवेदन दे सकते हैं। इसके लिए आपको ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस टेक्नोलॉजी’ (आई.आई.एस.टी.) की वेबसाइट पर जाना होगा।
उसके बाद जेईई एडवांस के मार्क्स के आधार पर आवेदकों की एक मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। फिर चयनित विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए देश के बड़े शहरों में बुलाया जाता है। पढ़ाई अनेक बार त्रिवेंद्रम सेंटर पर होती है। यदि विद्यार्थी का परफॉर्मेंस अच्छा रहा तब उससे कोई फीस नहीं ली जाती है। लगभग सभी विद्यार्थी ऐसे ही होते हैं जिन्हें किसी तरह की कोई फीस नहीं देनी पड़ती है। हर सेमेस्टर में विद्यार्थियों को किताब-कापी खरीदने के लिए 3000 रुपए भी दिए जाते हैं। पढ़ाई पूरी होते ही इसरो में बतौर साइंटिस्ट नौकरी भी लग जाती है।
Courses To Opt after 12th to become a Scientist in ISRO
B.Tech in Aerospace Engineering |
B.Tech in Avionics Engineering |
B.Tech+M.S./M.Tech |
Bachelor’s in Physics (BSc Physics) |
Masters in Physics (MSc Physics) |
Ph.D. in Physics |
B.Tech. in Engineering Physics + M.S. in Solid State Physics, Astronomy, Earth System Science/ M.Tech. in Optical Engineering |
M.Tech in Electronics, Electrical, Mechanical, and Computer Science |
Ph.D. in Aerospace Engineering |
Masters in Astronomy (MSc Astronomy) |
Ph.D. in Astronomy |
B.Tech + M.Tech in Engineering (Mechanical, Electrical, CS {Computer Science}) |
उम्मीद है आपको इसरो के साथ जॉब करियर के बारे में दी हुई जानकारी अच्छी लगी होगी. विद्यार्थी जो इसरो को ज्वाइन करना चाहते हैं उनके साथ ज़रूर शेयर करें.
This Post Has One Comment