एक बार एक चूहा था उसके साथ एक मुर्गा और एक बकरा भी था.जिस घर में वो सभी रहते थे उसमे एक मेहमान कुछ दिन रहने के लिए आया एक दिन उसने चूहे को देखा और मकान मालिक से चूहे को मारने के लिए बोले और कहा कि ये बहुत नुकसान करता है, इस लिए इस चूहे को मार दिया जाना चाहिए। इस बात को चूहे ने सुन लिया और अपने साथियों को बताया ।
अगले ही दिन मकान मालिक चूहे मारने वाली मशीन ले कर आ गया इसको देख कर चूहा डर गया और उसने ये बात अपने साथियों को बताई परंतु ये बात सुनकर उसके दोस्तों ने कहा कि ये हमारी समस्या नही है ये सिर्फ तुम्हारी समस्या है तो इससे खुद निपटो इतनी बात कहकर सभी वहां से चले गए। चूहा काफी चिंता में आ गया परंतु वो कुछ न कुछ कर लेगा ऐसा वो सोचने लगा. उधर मकान मालिक ने रात चूहे को मारने के लिए मशीन लगा दी देर रात जब उस मशीन की ज़ोर से आवाज़ आयी तो मकान मालिक की बीवी देखने चली गयी, पर होनी को कुछ और ही मंज़ूर था उस मशीन ने में सांप फस गया था और अंधेरा होने की वजह से सांप ने मकान मालिक की बीवी को काट लिया. मालकिन ने ज़ोर से चीख लगाई चीख सुनकर सभी लोग आ गए उसके बाद मालकिन को वैद्य के पास ले कर गए.
वैद्य ने कमज़ोरी की वजह से मालकिन को कुछ ताक़त की दवाई भी दी और ताक़त बढ़ाने के लिए कुछ खाने को भी बोला।
2-3 दिन बाद भी जब कमज़ोरी न गई तो मकान मालिक ने मुर्गे को काटकर उसका मीट बनाया और अपनी बीवी को खिला दिया। हफ्ते बाद थोड़ा सेहत में सुधार तो हुआ परंतु अभी थोड़ी कमज़ोरी थी। मकान मालिक ने अब बकरे का मीट बनाया और अपनी बीवी को खिलाया।
तो ज़रा विचार कीजिये कभी कभी मुसीबत जिस के लिए आती है शायद उससे ज़्यादा नुकसान औरों का भी हो सकता है इसके साथ साथ हमे हमेशा दूसरे की दिक्कत को अपना मानते हुए उसका साथ देना चाहिए।
समाज में जब भी किसी वर्ग पर मुसीबत बने तो हम सब को मिलकर उसका हल निकालना चाहिए।