सुझाव प्रेरक कथा – Best Moral Stories in Hindi
Bodh Katha – एक व्यक्ति ने अगरबत्ती की दुकान खोली ! नाना प्रकार की अगरबत्तियां थीं ! उसने दुकान के बाहर एक साइन बोर्ड लगाया – “यहाँ सुगन्धित अगरबत्तियां मिलती हैं ! ” दुकान चल निकली ! एक दिन एक ग्राहक उसके दुकान पर आया और कहा – आपने जो बोर्ड लगा रखा है , उसके एक विरोधाभास है ! भला अगरबत्ती सुगंधित नहीं होंगी तो क्या दुर्गन्धित होंगी ?
उसकी बात को उचित मानते हुए विक्रेता ने बोर्ड से सुगंधित शब्द मिटा दिया ! अब बोर्ड इस प्रकार था – “यहाँ अगरबत्तियां मिलती हैं ! “ इसके कुछ दिनों के पश्चात किसी दूसरे सज्जन ने उससे कहा – आपके बोर्ड पर “यहाँ “ क्यों लिखा है ? दुकान जब यहीं है तब यहाँ लिखना निरर्थक है ! इस बात को भी अंगीकार कर विक्रेता ने बोर्ड पर यहाँ शब्द मिटा दिया!अब बोर्ड था-अगरबत्तियां मिलती हैं !
पुनः उस व्यक्ति को एक रोचक परामर्श मिला – अगरबत्तियां मिलती हैं का क्या प्रयोजन ? अगरबत्ती लिखना ही पर्याप्त है ! अतः वह बोर्ड केवल एक शब्द के साथ रह गया – “अगरबत्ती “ विडम्बना देखिये ! एक शिक्षक ग्राहक बन कर आये और अपना ज्ञान दिया – दुकान जब मात्र अगरबत्तियों की है तो इसका बोर्ड लगाने का क्या लाभ ? लोग तो देखकर ही समझ जायेंगे कि मात्र अगरबत्तियों की दुकान है ! इस प्रकार वह बोर्ड ही वहाँ से हट गया !
धीरे -2 दुकान की बिक्री मंद पड़ने लगी और विक्रेता चिंतित रहने लगा ! एक दिन में उसका पुराना मित्र उसके पास आया ! अनेक वर्षों के उपरांत वे मिल रहे थे ! मित्र से उसके चिंता ना छिप सकी और उसने इसका कारण पूछा तो व्यवसाय के गिरावट का पता चला ! मित्र ने सब कुछ ध्यान से देखा और कहा – तुम बिल्कुल ही मूर्ख हो ! इतनी बड़ी दुकान खोल ली और बाहर एक बोर्ड नहीँ लगा सकते थे – यहाँ सुगंधित अगरबत्तियां मिलती हैं !
कमैंट्स में बताएं की इस बोध कथा से आपने क्या सीखा ?
बोध कथा,बोध कथाएं,बोध कथा hindi,बोध कथा हिंदी,बोध कथा ग्रन्थियां,मराठी बोध कथा संग्रह,नीति कथा,बोध कहानियां,नैतिक कथा,बोधकथा,प्रेरणादायी कथा,जबरदस्त प्रेरणादायक कथा,कथाकथन