प्रेरक कथा: दूसरों की बुरी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, वरना हमारा मन अशांत हो जाता है, सिर्फ अपने काम में मन लगाएं
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सुधबुध में आपका स्वागत है हम आपके लिए Motivational Story About Positive Thinking, Inspirational Story, Prerak Prasang, Prerak Katha, Moral Story जिससे जीवन का मार्ग दर्शन हो सके सकारात्मक सोच बन सके उन प्रेरक बोध कथाओं को आपके पढ़ें के लिए लाते हैं।इसी कड़ी मैं हमारी आज की कहानी दूसरों की बुरी बातों पर ध्यान प्रेरक कथाओं में से एक है। चलिए पढ़ते हैं :
दूसरों की बुरी बातों पर ध्यान
प्रचलित कथा के अनुसार एक संत और उनका शिष्य एक गांव से दूसरे गांव लगातार यात्राएं करते थे। इस दौरान वे अलग-अलग गांवों में रुकते भी थे। संत बहुत विद्वान थे। उनके प्रवचन सुनने के लिए काफी लोग पहुंचते थे।
एक गांव में संत अपने उपदेशों की वजह से काफी प्रसिद्ध हो गए। उनके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आने लगे। ये देखकर उसी गांव का एक अन्य पुजारी परेशान हो गया। उसे लगने लगा कि इस संत की वजह से मेरे भक्त कम हो जाएंगे।
असुरक्षा की वजह भावना की वजह से पुजारी ने संत का दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया। वह गांव के लोगों के सामने उस संत की बुराई करने लगा। धीरे-धीरे गांव के काफी लोग संत के लिए बुरी बातें करने लगे।
एक दिन संत के शिष्य को ये सारी बातें मालूम हुईं तो उसे बहुत गुस्सा आ गया। वह तुरंत ही अपने गुरु के पास पहुंचा और पूरी बात बताई। संत ने शिष्य की बातें सुनी और कहा कि हमें दूसरों की नकारात्मक बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमें सिर्फ अपने काम में मन लगाना चाहिए। ये बातें सुनकर भी शिष्य का गुस्सा शांत नहीं हुआ।
संत ने कहा कि जब हाथी गांव में आता है तो उसे देखकर सभी कुत्ते भौंकने लगते हैं, लेकिन हाथी पर इसका कोई असर नहीं होता है। हाथी अपनी मस्त चाल चलते रहता है। हमें भी बुराई करने वाले लोगों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमें सिर्फ अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए और अपने लक्ष्य की और बढ़ते रहना चाहिए। हमारे अच्छे काम ही ऐसे लोगों का मुंह बंद कर सकते हैं।
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